भीतर का परमात्मा: परमहंस योगानंद(शाकाहारी) द्वारा 'योगी की आत्मकथा' से चयन, 2 का भाग 12024-06-07ज्ञान की बातें विवरणडाउनलोड Docxऔर पढो“मनुष्य एक आत्मा है और उनके पास शरीर है। जब वह अपनी पहचान की भावना को सही ढंग से रखता है, वह सभी बाध्यकारी पैटर्न को पीछे छोड़ देता है।”